24-07-2021
‘गुरू गोबिंद दोउ खड़े काके लागू पाँव
बलिहारि गुरू आपने गोविंद दियो बताय’
कहा जाता है कि ज्ञान की रोशनी हर प्रकार के अंधकार को मिटा देती है। गुरू के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती इसलिए जीवन में गुरू का स्थान सर्वोपरि है। शास्त्रों में भी गुरू को ईश्वर से बढ़कर माना गया है, क्योंकि उन्हीं के हाथों में हमारा भविष्य पलता है। गुरू का ऋण तो नहीं चुकाया जा सकता, लेकिन उनके त्याग व निष्ठा को शत-शत नमन करने के लिए प्रिसीडियम स्कूल की ऑनलाइन कक्षाओ में ‘गुरू पूर्णिमा’ के पर्व पर एक विशेष सभा का आयोजन किया गया। सभा का शुभारंभ सुविचार के साथ किया गया। विद्यार्थियों ने दोहे व कविताओं के माध्यम से गुरू की महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर ‘जीवन में गुरू का महत्त्व’ विषय पर पी॰पी॰टी एवं गुरु-शिष्य संबंधी पोस्टर बनाकर विद्यार्थियों ने गुरू के प्रति अपने सम्मान को प्रकट किया। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या ‘श्रीमती निशी भटनागर’ ने सभी को ‘गुरु पूर्णिमा’ की
हार्दिक बधाई दी। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु ही हमें अज्ञान और अंधकार से
प्रकाश की ओर ले जाते हैं I अतः हमें सदैव उनका सम्मान करना चाहिए।